वाराणसी : होली पर सड़क हादसों और मारपीट की घटनाओं में घायल होकर 100 से ज्यादा लोग अस्पताल पहुंचे। इसमें बीएचयू ट्राॅमा सेंटर में ही 63 लोग इमरजेंसी में पहुंचे। जिसमें 45 सड़क दुर्घटना वाले मरीज रहे। उधर जिला अस्पताल,मंडलीय अस्पताल में भी चोट लगने वाले 10 लोगों का इलाज किया गया। यहां स्वास्थ्य केंद्रों से रेफर होकर भी मरीज पहुंचे।
होली के मद्देनजर जिले के सरकारी अस्पतालों के साथ ही बीएचयू ट्राॅमा सेंटर में इमरजेंसी में बेड रिजर्व किया गया था। शनिवार को अस्पतालों में रंग भरे गुब्बारे से आंखों में चोट लगने, रंग से शरीर में दाने निकलने सहित अन्य समस्या वाले मरीज आए। वहीं शुक्रवार को भी चोट लगने की वजह से अस्पताल पहुंचने वालों का उपचार किया गया। इसमें मंडलीय, जिला अस्पताल में चोट लगने से घायल 10 से अधिक मरीजों का उपचार किया गया।
बीएचयू ट्राॅमा सेंटर में 14 मार्च को 156 मरीज इमरजेंसी में आए, जिसमें 70 लोग गंभीर स्थिति वाले रहे। इसमें भी 45 सड़क एक्सीडेंट, मारपीट वाले 18 और गोली लगने से घायल दो लोग पहुंचे l इस दौरान 3 लोगों की मौत हो गई। सीएमओ डॉक्टर संदीप चौधरी ने बताया कि होली पर बीएचयू ट्राॅमा सेंटर समेत सभी अस्पतालों में स्वास्थ्य टीम तैनात रही।
राजातालाब थाना क्षेत्र के जक्खिनी गांव से होली की रात लापता खली चूनी विक्रेता का शव शनिवार को घर से दो किमी दूर यक्षिणी देवी मंदिर के कुएं में मिला। कुएं में गिरी बाल्टी निकालने के दौरान कटिया में शव फंसने से लोगों को जानकारी हुई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
जक्खिनी गांव निवासी संतोष उपाध्याय (55) होली की रात घर से लापता हो गए थे। यक्षिण देवी मंदिर परिसर स्थित कुएं में एक बाल्टी गिर गई। बाल्टी को बाहर निकालने के लिए कुएं में जैसे ही लोगों ने कटिया डाला तो संतोष का शव फंस गया। सूचना पाकर पहुंचे जक्खिनी चौकी इंचार्ज ने शव को कब्जे में लिया। शव की सूचना मिलते ही परिजन भी पहुंचे और शव देखते ही फफक पड़े।
पुलिस की पूछताछ में परिजनों ने बताया कि संतोष उपाध्याय की गांव में ही खली-चुनी की दुकान है। कुछ दिन पूर्व ही बेटी का विवाह किया था। आशंका जताई जा रही है कि कुएं में वह गिर गए होगे। पुलिस के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत की असल वजह स्पष्ट हो सकेगी। संवाद
